बीसीसीआई सचिव जय शाह आज यानी 1 दिसंबर से आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) के नए अध्यक्ष के रूप में अपना पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं। उनकी यह नियुक्ति क्रिकेट जगत के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि वे निवर्तमान अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का स्थान लेंगे। चर्चा है कि जय शाह को तीन-तीन साल के दो कार्यकाल के लिए इस पद पर रहने का अवसर मिल सकता है, जिसे आईसीसी की अक्टूबर में दुबई में हुई बैठक में मंजूरी दी गई थी।
आईसीसी बोर्ड का मानना है कि इससे चेयरमैन और इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर को सिक्योरिटी और स्थिरता मिलेगी. वह हर 2 साल बाद चुनाव की चिंता किए बिना आजादी से काम कर सकेंगे. हालांकि, कार्यकाल का कुल समय पहले की तरह 6 साल ही रहेगा. 35 साल जय शाह मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे
मुकाबलों के वेन्यू को बदलने का अधिकार
आईसीसी अध्यक्ष का एक और महत्वपूर्ण अधिकार यह है कि वे विभिन्न मैचों के वेन्यू को बदल सकते हैं। हालांकि मैच स्थल बदलने का निर्णय आमतौर पर स्थानीय बोर्ड लेते हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों, राजनीतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाओं या खराब परिस्थितियों के कारण आईसीसी अध्यक्ष को सदस्य देशों के साथ मिलकर वेन्यू में बदलाव करने का अधिकार प्राप्त है।
बीसीसीआई सचिव के तौर पर जय शाह को कोई सैलरी नहीं मिलती थी क्योंकि यह एक मानद पद था। हालांकि, आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद भी उनके पास सैलरी का कोई अधिकार नहीं होगा। आईसीसी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ICC चेयरपर्सन, वाइस चेयरपर्सन और डायरेक्टर्स को समय-समय पर भत्ते मिलते हैं, लेकिन यह भत्ते कितने होंगे, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
जय शाह के लिए नई शक्ति और मौके
आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद जय शाह के पास एक नई शक्ति और जिम्मेदारी होगी। उनके निर्णय और कदम क्रिकेट जगत में बड़े बदलाव ला सकते हैं। उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को नई दिशा मिल सकती है, खासकर जब वह क्रिकेट के विभिन्न पहलुओं में सुधार के लिए काम करेंगे।
जय शाह की यह नियुक्ति न केवल बीसीसीआई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान देने का भी एक मौका है। उनके पास आगे कई अवसर हैं, जो भारतीय क्रिकेट और वैश्विक क्रिकेट के विकास के लिए सहायक साबित हो सकते हैं।





