बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया को कई बुरी खबरें मिली थीं। जहां टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे। वहीं युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को भी वॉर्म अप मैच के दौरान चोट लग गई थी। अनुभवी तेज गेंदबाज शमी भी चोट के कारण दौरे के लिए नहीं चुने गए थे। तो प्लेइंग इलेवन में रविंद्र जडेजा और अश्विन जैसे अनुभवी स्पिनर भी नहीं थे। इसके बावजूद भारत ने पर्थ में ऐतिहासिक जीता हासिल की।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 रन बनाए, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उन्हें अच्छी तरह से चुनौती दी। हालांकि इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 104 रन पर ही ऑल आउट हो गई। भारतीय गेंदबाजों की कड़ी मेहनत और सटीक गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को मैच की पहली पारी में संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद भारत ने अपनी दूसरी पारी में 8 विकेट पर 487 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रन का विशाल लक्ष्य रखा। भारत की पारी में एक बार फिर उनके बल्लेबाजों ने बढ़िया योगदान दिया और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए एक अत्यधिक कठिन लक्ष्य सौंपा। फिर मैदान पर टारगेट का पीछा करने उतरी कंगारूओं की टीम ने दिन खत्म होते-होते 12 रन पर 3 विकेट गंवा चुकी थी।
इस मैच में टीम इंडिया की तरफ से युवा खिलाड़ियों ने बखूबी जिम्मेदारी निभाई। यशस्वी जायवाल ने दूसरी पारी में शानदार प्रदर्शन करते हुए केएल राहुल के साथ टीम को मजबूत करने के लिए बेजोड़ पार्टनरशिप की। तो हर्षित राणा और नितीश रेड्डी को भी इस मैच के लिए डेब्यू का मौका मिला। जिन्होंने खुद को शानदार प्रदर्शन के बलबूते साबित किया।
चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य का पीछा करते हुए दिन की शुरुआत की, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें परेशानी में डाला। मैच शुरू होते ही ऑस्ट्रेलिया के 1 खिलाड़ी आउट हो गया। वहीं लंच तक ऑस्ट्रेलिया के 5 विकेट गिर गए थे। लंच के बाद जसप्रीत बुमराह ने भारत को बड़ी सफलता दिलाई, जब उन्होंने सेट बल्लेबाज ट्रेविस हेड को आउट किया। हेड 89 रन बनाकर शतक से सिर्फ 11 रन दूर रह गए। कंगारू टीम का छठा विकेट 161 रन पर गिरा। भारतीय गेंदबाज नीतीश कुमार रेड्डी ने अपना पहला टेस्ट विकेट हासिल किया, जब उन्होंने मिचेल मार्श को आउट किया। मार्श ने 47 रन बनाकर टीम को कुछ राहत दी, लेकिन उनका विकेट गिरने के साथ ऑस्ट्रेलिया का 7वां विकेट 182 रन पर गिरा। टी ब्रेक के बाद वाशिंगटन सुंदर ने नाथन लायन को क्लीन बोल्ड कर दिया। लायन अपना खाता भी नहीं खोल पाए और ऑस्ट्रेलिया का 9वां विकेट 227 रन पर गिरा। आखिरी में ऑस्ट्रेलिया 534 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 238 रन बनाने में सफल हुई और टीम ऑल आउट हो गई। भारत ने इस मैच को 295 रन के बड़े अंतर से जीत लिया। यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक जीत है क्योंकि इस जीत ने भारत को न केवल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में एक मजबूत शुरुआत दी, बल्कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को एक बड़े अंतर से हराया, जो भारतीय क्रिकेट टीम की ताकत और मनोबल को भी बढ़ावा देगा।





