जोमैटो को थमा दिया 803 करोड़ रुपये के GST डिमांड का नोटिस, फिर भी चढ़े कंपनी के शेयर

GST Notice: जोमैटो को जीएसटी डिपार्टमेंट से 803 करोड़ रुपये भरने के आदेश मिले हैं. इनमें से 401.70 करोड़ रुपये जीएसटी और इतनी ही रकम पेनल्टी के रूप में जमा करने का फरमान दिया गया है.

र टू डोर फूड डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो को जीएसटी की ओर से 803 करोड़ रुपये भरने के आदेश मिले हैं. इनमें से 401 करोड़ 70 लाख 14 हजार 706 रुपये जीएसटी और इतनी ही राशि जुर्माने के रूप में जमा करने का फरमान दिया गया है. जीएसटी नहीं देने के बाद रडार पर आई कंपनी ने बीएसई को यह जानकारी दी है.

ऊपर जा रहे हैं कंपनी के शेयर

गुरुवार को जीएसटी नोटिस के बाद जोमैटो के शेयर 2.4 फीसदी तक गिरकर 284.90 रुपये पर बंद हुए. शुक्रवार को भी बाजार खुलते ही शेयर लुढ़के पड़े थे. सुबह में यह लाल निशान के साथ 279 रुपये 80 पैसे पर खुला. जो गुरुवार को बंद हुए भाव से ढाई फीसदी गिरावट के साथ 277 रुपये 90 पैसे के स्तर तक नीचे गया. फिर इसमे तेजी आई. बाद में 286 रुपये 55 पैसे पर ट्रेड होने लगा. जो कल बाजार के बंद होने के समय के मुकाबले एक रुपये 65 पैसे अधिक था. यानी 0.58 फीसदी की उछाल देखने को मिल रही है.

कंपनी का दावा, उसका पक्ष मजबूत

जीएसटी की नोटिस के बाद जोमैटो ने कहा है कि उसका पक्ष मजबूत है. कानूनी और टैक्स सलाहकारों से भी कंपनी के प्रबंधन ने राय ली है. सभी ने इसे उचित बताया है. इसलिए जल्दी ही जोमैटो की ओर से इस आदेश के खिलाफ बड़ी अथॉरिटी के सामने अपील दायर की जाएगी. ज्ञात हो कि जोमैटो की ओर से गुरुवार को शेयर बाजार को जानकारी दी गई थी कि सेंट्रल जीएसटी, ठाणे के ज्वाइंट कमिश्नर की ओर से उसे एक डिमांड नोटिस मिला है. इसमें कंपनी को जीएसटी बकाये को ब्याज और जुर्माने के साथ भुगतान करने के लिए कहा गया है. यह डिमांड नोटिस 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के कारोबार को लेकर है. इसमें उक्त अवधि के दौरान डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. 12 नवंबर को जारी यह आदेश जोमैटो प्रबंधन को 12 दिसंबर को प्राप्त हुआ है. जोमैटो का तर्क है कि डिलीवरी मैन को ऑर्डर के आधार पर भुगतान किया जाता है, यह डिलिवरी शुल्क कंपनी के पास नहीं रहता है, बल्कि गिग वर्कर को दिया जाता है.

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