चैंपियंस ट्रॉफी के हाइब्रिड मॉडल पर ICC का बड़ा ऐलान

19 दिसंबर, 2024 यानी आज आईसीसी ने औपचारिक रूप से यह घोषणा की कि अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भारत के मुकाबले पाकिस्तान के बजाय किसी न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे। इस फैसले के साथ बीसीसीआई की वह मांग भी पूरी हो गई, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के मैचों को न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित करने की बात की थी।

आईसीसी ने बताया कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के मुकाबले पाकिस्तान में और न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे। हालांकि न्यूट्रल वेन्यू के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दुबई को एक संभावित स्थल माना जा रहा है, जहां भारत के मैच खेले जा सकते हैं। BCCI ने इस फैसले को लेकर सुरक्षा की चिंताओं का हवाला दिया था और भारत सरकार से अनुमति न मिलने के कारण उन्होंने इस विकल्प को स्वीकार किया। वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शुरुआत में इस हाइब्रिड मॉडल का विरोध किया था और कहा थी कि अगर ऐसा हुआ तो वह टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले सकते हैं। लेकिन लंबे बातचीत के बाद यह मसला सुलझा और दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। इसके बाद से यह सुनिश्चित हो गया कि भारत और पाकिस्तान के मुकाबले न्यूट्रल वेन्यू पर होंगे, जबकि बाकी टूर्नामेंट पाकिस्तान में ही आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा आपको बता दें कि आईसीसी ने पाकिस्तान को 2028 में एक नया टूर्नामेंट देने का भी ऐलान किया है। इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान को 2028 में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी दी जाएगी और तब भी न्यूट्रल वेन्यू की व्यवस्था लागू रहेगी। यह निर्णय पाकिस्तान के लिए एक तरह से इनाम जैसा है, जिसमें उन्हें भविष्य में एक बड़ा टूर्नामेंट आयोजित करने का अवसर मिलेगा। वहीं ICC ने यह भी साफ किया है कि 2027 तक होने वाले सभी प्रमुख टूर्नामेंट्स के दौरान पाकिस्तान के मैचों के लिए न्यूट्रल वेन्यू की व्यवस्था लागू होगी। इसके तहत भारत में आयोजित होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट्स में पाकिस्तान के मैच न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे। इसमें भारत में 2025 में महिला वनडे वर्ल्ड कप और 2026 में भारत-श्रीलंका की साझेदारी में आयोजित होने वाला पुरुषों का टी20 वर्ल्ड कप भी शामिल है।

इसके पीछे का क्या है विवाद?

चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर विवाद तब शुरू हुआ था जब आईसीसी ने नवंबर 2021 में पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट की मेज़बानी सौंप दी थी। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने घोषणा की थी कि वे इस टूर्नामेंट के लिए नए स्टेडियम बनाएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने पहले से मौजूद स्टेडियमों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया। जब आईसीसी ने 65 मिलियन डॉलर का फंड जारी किया और पाकिस्तान ने स्टेडियमों की मरम्मत शुरू की, तो बीसीसीआई ने पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर अपनी आपत्ति जताई। वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति हमेशा तनावपूर्ण रही है और ऐसे में BCCI की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जायज़ थीं। पाकिस्तान में विदेशी क्रिकेट टीमों पर हमलों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें 2009 में श्रीलंका की टीम पर लाहौर में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा 2002 में कराची में न्यूजीलैंड की टीम के होटल के बाहर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 14 लोग मारे गए थे। इन घटनाओं के कारण भारतीय बोर्ड ने पाकिस्तान में टीम इंडिया के खेलने को लेकर संकोच किया और यही कारण था कि उन्होंने हाइब्रिड मॉडल की मांग की।

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