
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के विभिन्न स्थानों पर की गई। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में की गई है, जिसमें आरोप है कि इन कंपनियों ने निवेशकों से बड़ी रकम जुटाई लेकिन उनके प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा नहीं किया।
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने WTC बिल्डर के दफ्तरों, इसके प्रमोटर आशीष भल्ला और भूटानी ग्रुप के 12 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इन स्थानों पर छापेमारी दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के विभिन्न इलाकों में की गई। WTC ग्रुप के कई प्रोजेक्ट्स इन क्षेत्रों में चल रहे थे, और आरोप है कि कंपनी ने निवेशकों से 1000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए, लेकिन पिछले 10-12 सालों में इन प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं किया।
इस मामले में पहले ही फरीदाबाद पुलिस और ईओडब्ल्यू दिल्ली द्वारा WTC बिल्डर, आशीष भल्ला और भूटानी ग्रुप के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय ने इन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम स्थित ईडी कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन किया।
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर फिलहाल WTC बिल्डर से संपर्क नहीं किया जा सका, जबकि भूटानी ग्रुप की प्रतिक्रिया का अभी इंतजार किया जा रहा है। यह कार्रवाई निवेशकों को धोखाधड़ी के मामले में न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, और इससे जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में आगे और कार्रवाई की जा सकती है।
यह छापेमारी WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसे मामलों में अपराधियों को सजा मिले, कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं।