न्यूजीलैंड में खालिस्तानियों को एक बड़ा झटका लगा है। ऑकलैंड में आयोजित एक विवादास्पद कथित खालिस्तान जनमतसंग्रह के बाद न्यूजीलैंड की सरकार ने बड़ा बयान दिया है। न्यूजीलैंड की सरकार ने भारत की ‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’ का सम्मान करने और मान्यता देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की ओर से यह जनमत संग्रह आयोजित किया गया था। सिख फॉर जस्टिस भारत में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत बैन संगठन है।
न्यूजीलैंड में सिख फॉर जस्टिस ने जनमसंग्रह कराया था। इसका उद्देश्य भारत से पंजाब को अलग करके वोटिंग करना था। लेकिन अब न्यूजीलैंड की सरकार ने साफ तौर से कह दिया है कि वह भारत की संप्रभुता और क्षत्रीय अखंडता को मान्यता देता है।





