Atal Bihari Vajpayee Jayanti: शब्दों के धनी, ‘अटल’ विश्वास रखने वाले… वाजपेयी की 100वीं जयंती

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज पूरा देश 100वीं जयंती मना रहा है. अटल बिहारी को एक तेज तर्रार नेता के रूप जाना जाता था. साथ ही उनकी हाजिर जवाबी के सभी कायल थे.

वाजपेयी से जुड़ी घटनाओं का हमेशा जिक्र किया जाता है. उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिसे आज भी याद किया जाता है. वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी के लिए भी जाने जाते थे. एक बार की घटना है, जब वाजपेयी जी से शादी की चर्चा की गई थी, तो उन्होंने दहेज में पूरा पाकिस्तान मांग लिया था. दरअसल उस घटना का जिक्र देश के मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान किया था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी उस घटना का जिक्र करते हुए बताया, जब वाजपेयी पाकिस्तान दौरे पर गए थे, तो एक महिला पत्रकार ने जब उनसे कहा कि मैं आपसे शादी करना चाहती हूं, बशर्ते आप मुझे मुंह दिखाई में कश्मीर दें, तो अटल जी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘मैं तैयार हूं, अगर आप दहेज में पूरा पाकिस्तान दें.’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ”इस जवाब ने उनकी चतुराई और सहजता को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया.”

आज ही के दिन पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ भी पैदा हुए थे। यह भी अपने आप में दिलचस्प है कि दोनों देशों के इन दोनों नेताओं ने आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर प्रयास किए।

अटल बिहारी वाजपेयी कितने हाजिर जवाब थे इसका बेहतरीन उदाहरण इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए देखने को मिल गया था। एक बार संसद में इंदिरा गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी का मजाक बनाया था, उनके भाषण शैली को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। देश की संसद में उन्होंने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी हिटलर की तरह भाषण देते हैं और लगातार अपने हाथ लहराते रहते हैं। अब कोई दूसरा नेता होता तो शायद चुप रह जाता और असहज महसूस करता, लेकिन अटल ने ऐसा जवाब दिया कि पूरी संसद हंसी से गूंज उठी और इंदिरा गांधी देखती रह गईं। अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा के सवाल पर कहा कि इंदिरा जी हाथ हिला कर तो सभी भाषण देते हैं, कभी आपने किसी को पैर हिला कर भाषण देते हुए सुना है। इंदिरा गांधी मौन हो चुकी थीं और हर कोई अटल की हाजिर जवाबी का कायल।

अटल बिहारी वाजपेयी काफी संवेदनशील नेताओं में भी गिने जाते थे। यह बात तो सभी जानते थे कि उन्हें होली का पर्व काफी पसंद था, रंगों से उनका गहरा नाता था। लेकिन 2002 में जब गुजरात के भुज में भूकंप आया, उस तबाही को देख अटल कही टूट गए थे, विचलित थे। बताया जाता है तब अटल नैनीताल के राज भवन चले गए थे, वहां उन्होंने एक दिन भी होली नहीं खेली, बस कुछ कविताएं लिखीं और गुमसुम से बैठे रहते थे।

राजनीतिक किस्से तो अटल बिहारी वाजपेयी को लोकप्रिय बनते ही हैं, लेकिन उनका बचपन का भी एक ऐसा किस्सा है जो काफी हैरान करने वाला लगता है। यह बात उस समय की है जब अटल लॉ की पढ़ाई कर रहे थे। कानपुर के डीएवी कॉलेज में अगर अटल मन लगाकर कानून की पढ़ाई कर रहे थे, उनकी साइड वाली बेंच पर उन्हीं के पिता भी बैठा करते थे। जी हां पिता-पुत्र ने साथ में लॉ की पढ़ाई की थी, दोनों एक ही हॉस्टल में रहा भी करते थे।

अटल बिहारी वाजपेयी की पंडित नेहरू के साथ भी काफी दिलचस्प केमिस्ट्री थी। यह बात 1957 की है जब पहली बार अटल देश की संसद में पहुंचे थे। अपनी अच्छी हिंदी की वजह से उन्होंने बहुत जल्द एक अलग ही पहचान बना ली थी। नेहरू भी उनकी हिंदी को काफी पसंद किया करते थे, लेकिन एक बार संसद में जब नेहरू ने जनसंघ की आलोचना कर दी, अटल ने चुटीला जवाब देते हुए कहा कि मैं जानता हूं पंडित जी रोज शीर्षासन करते हैं। इस बात से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मेरी पार्टी की तस्वीर उल्टी ना देखें। अब ऐसे जवाब की उम्मीद उस जमाने में पंडित नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी से नहीं की थी, लेकिन वे भी मुस्कुराए और बात खत्म हो गई

Related Posts

अपनी सरकार के पुलिसकर्मियों को UP के मंत्री की खुली धमकी, 7 पुलिस वालों के हाथ-पैर तुड़वाकर….

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने सुल्तानपुर के चांदा के मदारडीह गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए अपनी ही सरकार के पुलिसकर्मियों को खुलेआम…

UP में 16 IPS अफसरों का ट्रांसफर,अंजली विश्वकर्मा एडीसीपी कानपुर कमिश्नरेट बनीं

उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है. लखनऊ, प्रयागराज सहित अन्य जिलों के16 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया है. इनमें कुछ अफसरों को उसी जिले में प्रमोशन…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *